भारत के DRDO ने ०९ अक्टूबर २०२० को एक बहुत बड़ा कारनामा कर दिखाया जिसके चलते चीन को छूटे है पसीने।
अब भारत देश उन गिने चुने देशो में से एक है जिसके पास यह एंटी रेडिएशन मिसाइल टेक्नोलॉजी है।
शुक्रवार को सुखोई ३० MKI से रुद्रम का सफल परिक्षण कर भारत ने चीन को एक कड़ा सन्देश दिया है।
क्या होती है एंटी रेडिएशन मिसाइल ?
दुश्मन के रडार अगर काम कर रहे है, तो दुश्मन के इलाके में लड़ाकू विमान कोई ले जाता है तो उस विमान को एयर डिफेंस की मिसाइल से मार गिराया जा सकता है।
अगर इन्ही रडार को दुश्मन पर हवाई हमला करने से पहले अगर मिसाइल से उड़ा कर नेस्तनाबुत किया जाये तो यह रडार और दुश्मन की एयर डिफेन्स सिस्टम हमारे लडाकू जहाजों का कुछ भी बाक़ा नहीं सकती ।
भारत का यह एंटी रेडिएशन मिसाइल Rudram ध्वनि के गतिसे दो गुणा तेज होने के कारण वह एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के पकड़ में नहीं आता तथा Rudram एक बहुत ही एडवांस ट्रैकिंग सिस्टम से लैस है। जिसके चलते अगर दुश्मन के रडार रुद्रम को देख खुद को बंद कर छुपा भी लेते हैं तो फिर भी रुद्रम दुश्मन के रडार जहां कहीं भी हो उन्हें ध्वस्त कर देता है। Rudram को रोकने की क्षमता किसी भी देश के पास नहीं है ना कोई मिसाइल रुद्रम को रोक सकती है।
भारत दुनिया में एक ऐसा देश है की जिसके पास यह सुपर सोनिक तथा हाइपर सोनिक मिसाइल टेक्नोलोजी है।
जी चीन का काल बन सकती है।
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