चलिए तो पता कर लेते है, कोई बीमारी अगर गंभीर रोग के बैक्टेरियल इन्फेक्शन से होती है तो उसके इलाज के लिए डॉक्टर कोई प्रभावशाली एंटी बायोटिक की कैप्सूल अथवा गोली देते है अक्सर यह अमॉक्सिसिलिन के ग्रुप की दवा होती है ।
इस दवा से अपने पेट के अंदर बसने वाले कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी होते है उनका भी सफाया होता है । इस क्रिया में एक बहुत ही बुरे परिणाम करने वाले जीवाणु (bacillus deficali) की बढ़ौतरी होती है यह जीवाणु के आंतरिक इन्फेक्शन की वजह से लोगों के पेट में दर्द होना सिकुड़ना मरोड़ होना और पतली दस्त होना शुरू होता है। इस को रोकने के लिए डॉक्टर फिर से प्रोबायोटिक की खुराक या लैक्टोबेसलस की दवा देते है । ऐसे में दही खाना भी असरदार साबित हो सकता है।
तो क्या पता चला इस से की बेसिल्स डिफिकाली इस नमक जीवाणु के आंतरिक बढौतरी के कारण सेकंडरी इन्फेक्शन यह दस्त और पेट दर्द के लिए जिम्मेदार है ।
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