भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बना है जिसने यूनाइटेड किंगडम (UK) में उभरे कोरोना वायरस के नए (mutatant) उत्परिवर्तीत विषाणु (virus) को इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ICMR के पुणे के नेशनल इंस्टीयूट ऑफ वायरालॉजी के लब्रॉटर में अलग कर लिया गया है।
इस से अब दो तरीके के फायदे भारत को मिलेंगे
जब नया वैक्सीन बनाया जाएगा उसमे इस नये विषाणु का वैक्सीन बनाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है ऐसा करने से एक (effective) कारगर वैक्सीन दुनियां को भारत दे सकता है।
तथा अब किरोना के टेस्टिंग में भी इस के RNA के उपयोग से नाए वायरस से पीड़ित व्यक्ति संक्रमित है या नहीं यह भी जाना जा सकता है।
इसलिए दुनिया को और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है ।
यह खबर खुद ICMR ने आपने ट्विटर हैंडल पर दी है।
आज तक इस नए वायरस के स्ट्रेन को कोई भी देश ( isolation) अलग नहीं कर पाया है।
कोरोना के विषाणु को कोरोना महामारी के शुरू होने पर भारत ने ही दुनिया में सबसे पहली बार कोरोना के वायरस को लैबोरेट्री में अलग किया था इसके जरिए भारत के फार्मा कंपनियों ने वैक्सीन बनाने का काम शुरू कर दिया था.
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