जो लोग अपना गुजारा रिक्शा चला कर कर रहे है, उनके जीवन की समस्याएं बहुत गंभर है, रिक्शा वालों का जीवन कठिन है, ऑटो रिक्शा का EMI दे गाड़ी का रिपेयर का काम करे या शाम को घर राशन तरकारी ले जाएं, या बिजली का महीनों से न भरा बिल भरें या कुछ करे। ऐसे में समाज में उनकी आवाज तक उठाना, एक चिंदी गिरी का काम माना जाता है, ऐसा बड़े नेता और समाज में के तथाकथित व्हाइट कॉलर वालों को लगता है, जीवन कैसे जिए इसकी फिराक में रहने वाले रिक्शा वालों को अब ऑनलाइन पैसे लेने पर 5% टैक्स देना पड़ेगा। भगवान उनको यह बल दे। अब तो आवाज उठाने की ताकत प्रदान करे।
मूलभुत आवश्कता में रोटी कपड़ा और मकान होता है इन तीनों में से अपना मकान खरीदना तो आम इन्सान के बस की बात अब है नहीं, बाकी बचा था कपड़ा अब उसपर आने वाले 1 जनेवरी 2022 से ऑनलाइन खरीदी पर 12% GST लगेगा, मतलब कपड़ा खरीदना भी आम बात नही है और ना ही आम इंसान के बस की बात है।
आज कल बिजली के बिल देख हृदय ना किसिका थम जाएं, जिए भी तो किस तरह जिए। जरा कोई बताए, कॉमेंट्स में आप अपनी राय लिखना ना भूले।
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